Homeबुन्देलखण्ड के लोक कलाकारSumit Dubey सुमित दुबे बुन्देली लोकगायक -संस्कृतिकर्मी

Sumit Dubey सुमित दुबे बुन्देली लोकगायक -संस्कृतिकर्मी

बुंदेलखंड अंचल में लोक कला , संस्कृति और साहित्य के क्षेत्र में समर्पित भाव से काम करने वाले व्यक्तियों में Sumit Dubey  का नाम अग्रणी है।  बाल्यावस्था से ही साहित्यिक सांस्कृतिक अभिरुचि होने से लोक कला और संस्कृति की ओर आकर्षित होकर  बुंदेलखंड अंचल के लोक साहित्य और संस्कृत  के क्षेत्र में अनेक शोध कार्य किये।

विषेषज्ञता  पारम्परिक बुन्देली लोकगायन, लेखन व बुन्देली लोकसंस्कृति का अध्येता के रुप में शोधपरख अध्ययन।

सांस्कृतिक साहित्यिक गतिविधियों में भूमिका –
बुंदेली लोकगायन एवं लोकनृत्य के संवर्धन के क्षेत्र में Sumit Dubey नें जिले में गत 22 वर्षों से निरन्तर लोक गीतों का गायन, लेखन एवं पारम्परिक लोक गीतों का संकलन कर उनका संरक्षण एवं संवर्धन। बुन्देलखण्ड अंचल के लोकनृत्यों का निर्देशन कर जिले की प्रतिभाओं को अपनी परम्पराओं से जोडने का निरंतर प्रयास।

विश्वविद्यायल स्तर  व जिला स्तरीय महाविद्यालय के युवा उत्सवों में लोकनृत्य रंगमंच व लोकगीत गायन मे निर्णायक की भूमिका। निरंतर 20 वर्षो से रंगमंच के माध्यम से अभिनय व निर्देषन का कार्य। स्कूल कालेज के छात्र-छात्राओं को लोकनृत्य व लोकगीत गायन मे निर्देशक की भूमिका।

Sumit Dubey
सुमित दुबे

लोक गायन की प्रस्तुतियाँ
मध्यप्रदेष संस्कृति परिषद्, आदीवासी लोककला एवं बोली विकास अकादमी भोपाल द्वारा कला विविधताओं के प्रदर्षन पर आधारित आयोजन “गमक“ कार्यक्रम में  बुंदेली लोकगीतों की प्रस्तुति।

मध्यप्रदेष संस्कृति संचालनालय द्वारा गुरु गुफा नरसिहपुर में आयोजित पांच दिवसीय आयोजन “आद्य गुरु शंकराचार्य नर्मदा महोत्सव” कार्यक्रम में प्रथम दिवस शुभारंभ अवसर पर ”बुंदेली लोक भजनों“ की प्रस्तुति दी।

मध्यप्रदेष संस्कृति संचालनालय द्वारा चित्रकूट में आयोजित तीन दिवसीय आयोजन श्रीराम के नवकला प्रयोग एकाग्र “रामायणम” कार्यक्रम में प्रथम दिवस शुभारंभ अवसर पर ”बुंदेली गीतों में श्रीराम“ की प्रस्तुति दी।

मध्यप्रदेष शासन संस्कृति विभाग के प्रतिभा खोज प्रतियोगिता में संभाग स्तर पर चयनित होकर राज्योत्सव उज्जैन मे बुंदेली लोकगीतों की प्रस्तुति दी ।

मध्यप्रदेष स्वराज संस्थान द्वारा गणतंत्र दिवस के अवसर पर आयोजित होने वाले “भारत पर्व “  कार्यक्रम में 2016 से निरंतर प्रदेष के विभिन्न जिलों में बुंदेली लोकगीतों की प्रस्तुति।

अध्ययन सर्वेक्षण व दस्तावेजीकरण कार्य:-
मध्य प्रदेश आदीवासी लोककला एवं बोली विकास अकादमी के लिए अघ्येता के रुप में ”होशंगाबाद जिले की लोकदेवीयों का अघ्ययन”।

मध्य प्रदेश आदीवासी लोककला एवं बोली विकास अकादमी (मध्य प्रदेश शासन संस्कृति विभाग) द्वारा क्षेत्रीय स्तर पर स्थापित होने वाले जनजातीय संग्रहालयों के सर्वे,अध्ययन व दस्तावेजीकरण दल के सदस्य की भूमिका का निर्वाहन।

लेखन कार्यः-
मध्यप्रदेष साहित्य अकादमी (मध्यप्रदेष संस्कृति परिषद) भोपाल द्वारा पांडुलिपि प्रकाषन सहायता अनुदान योजना अंर्तगत लेखक की मौलिक कृति के प्रकाषन के लिए मेरी पुस्तक शीर्षक है ”बुन्देली आंगन” का चयन किया गया है जो दिसंबर माह तक प्रकाषित हो जायेगी।

इस पुस्तक में बुन्देलखंड के प्रमुख पारंपरिक लोकपर्वों,कहावत/अहाने,लोक व्यंजन,आभूषण और पारंपरिक बुन्देली लोकगीतों में राम को लिपिबद्व कर किया है। बचपन से घर में और आसपास बुन्देली लोकगीतों को सुनते व गाते-गाते मन अपने आप ही बुन्देलखंड के लोक जीवन की ओर आकर्षित हो गया।

बुन्देली बोली, लोकपरंपराएं, लोकपर्व, रीतिरिवाज, लोक व्यंजन, आभूषण, कहावतें, अहाने व देवी देवताओं के बारे में जानने की आदत कब लत बन गई पता ही नही चला। इसका लाभ यह हुआ कि बुन्देली संस्कृति की बहुत सी जानकारी मेरे पास एकत्रित हो गई जो ”बुन्देली आंगन” के रुप में बहुत जल्द आपके समक्ष होगी।

सोशल मीडिया पर लेखन के अंर्तगत फेसबुक पेज व इन्सटाग्राम पर ”सुमित का बुन्देली आंगन” नाम से एक पेज बनाया हुआ है जिस पर नियमित बुन्देली बोली, लोकपरंपराएं, लोकपर्व, रीतिरिवाज, लोक व्यंजन, आभूषण, दैनिक उपयोग कर वस्तुओ,कहावतें,अहाने व देवी देवताओं के बारे में जानकारी एकत्रित कर पोस्ट करना। विभिन्न पत्र पत्रिकाओं में बुन्देली लोक संस्कृति से संबंधित लेखों व लोकगीतों का नियमित प्रकाशन।

Sumit Dubey
Sumit Dubey

सहभागिता –
वर्ष 2000 से 2015 तक खेल एवं युवक कल्याण विभाग मध्य प्रदेश शासन द्वारा आयोजित राज्य स्तरीय युवा उत्सव में लोकगीत गायन विधा में जबलपुर संभाग का प्रतिनिधित्व किया। वर्ष 2000 से 2007 तक खेल एवं युवक कल्याण विभाग मध्य प्रदेश शासन द्वारा आयोजित राज्य स्तरीय युवा उत्सव में एकांकी नाटक विधा में जबलपुर संभाग का प्रतिनिधित्व । विश्वविद्यालय स्तर पर अंतर जिला युवा उत्सव में लोकनृत्य,गायन व एकांकी  विधा में प्रतिनिधित्व ।

मध्य प्रदेश उच्च शिक्षा विभाग व संस्कृति विभाग द्वारा आयोजित नोहलेश्वेर महोत्सव मे लोकगायन व लोकनृत्य विधा में विश्वविद्यालय का प्रतिनिधित्व। रंगमंडल,भारत भवन द्वारा आयोजित मध्य प्रदेश रंगोत्सव 2016 व सिंहस्थ 2016 एवं राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय;छैक्द्ध,नई दिल्ली द्वारा प्रायोजित लोकनाट्य प्रचार-प्रसार योजना के अंर्तगत नाट्य मंचन में बुन्देली लोकषैली पर आधारित नाटक में संगीत निर्देषन किया तथा बुंदेली भाषा का समावेष किया।

सम्मान:-
शिव संकल्प साहित्य परिषद् होशंगाबाद द्वारा बुंदेली लोकगायन के क्षेत्र में प्रदेश स्तर पर उत्कृष्ठ कार्य के लिए ”लोकगीत श्री सम्मान” से सम्मानित किया गया।

सनातनी हिन्दू महासभा नरसिंहपुर द्वारा पारंपरिक बुन्देली लोकगायन के क्षेत्र में सराहनीय कार्य के लिए ”लोकगीत गौरव सम्मान” से सम्मानित किया गया।

वर्ष 2013 में कवि गुरू सक्सेना सांड नरसिंहपुरी बुन्देली कला सम्मान” से श्री गुरू सक्सैना जी के जन्मदिवस पर कर कमलों द्वारा सम्मानित।

युवा विचार मंच द्वारा बुंदेली पारंपरिक लोककला के संवर्धन के क्षेत्र में उत्कृष्ठ कार्य के लिए सम्मानित।

सर्व ब्राहम्ण सभा नरसिंहपुर द्वारा समाज की विभिन्न क्षेत्रों में उपल्बघि हासिल करने वाली प्रतिभाओं का सम्मान किया गया। सांस्कृतिक विधा में रंगमंच व बुंदेली लोककला के संवर्धन के क्षेत्र में उत्कृष्ठ कार्य के लिए सम्मानित।

जवाहर कला मंडल नरसिंहपुर द्वारा रंगमंच व बुंदेली लोककला के क्षेत्र में उत्कृष्ठ कार्य के लिए स्व.रामा राव कदम स्मृति लोककला सम्मान से सम्मानित।

नाम  – सुमित दुबे (बुन्देली लोक संस्कृतिकर्मी व पारम्परिक बुन्देली लोकगायक)
पिता का नाम – स्व.श्री शालिगराम दुबे
माता का नाम – श्रीमति ममता दुबे
जन्मस्थान – नरसिंहपुर मध्यप्रदेष
जन्मतिथि – 28 अक्टूबर 1979
शिक्षा  – एम.काम.,एम.एस.डब्ल्यू,पी.जी.डी.सी.ए.
संगीत शिक्षा  – संगीत भूषण(भाव संगीत)
संगीताचार्य  – स्व.शरद दुबे
बुन्देली लोकसंस्कृति मार्गदर्शक  – स्व.रमेश तिवारी नरसिंहपुर
                                डा.ओमप्रकाश चौबे सागर
स्थाई पता -अजय आईल मिलके पास,बजरंग वार्ड,सिंहपुर चैराहा,कंदेली नरसिंहपुर (म.प्र.) 487001
मोबाईल नं. – 09425856568
ईमेल          – sumitnsp@gmail.com

यूट्यूब चैनल व फेसबुक पेज- सुमित का बुन्देली आंगन (Sumit ka Bundeli Angan)

Sumit Dubey
“आद्य गुरु शंकराचार्य नर्मदा महोत्सव” कार्यक्रम में ”बुंदेली लोक भजनों“ की प्रस्तुति दी।
मध्यप्रदेष संस्कृति संचालनालय द्वारा चित्रकूट में आयोजित श्रीराम के नवकला प्रयोग एकाग्र “रामायणम” कार्यक्रम में प्रस्तुति
Sumit Dubey
“आद्य गुरु शंकराचार्य नर्मदा महोत्सव” कार्यक्रम में ”बुंदेली लोक भजनों“ की प्रस्तुति दी।
“भारत पर्व 2018“ बालाघाट में लोकगीतों की प्रस्तुति
जिला स्तरीय (अंतर महाविद्यालय) युवा उत्सव निर्णायक की भूमिका।
Sumit Dubey
Sumit Dubey

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Bundeli Jhalak: The Cultural Archive of Bundelkhand. Bundeli Jhalak Tries to Preserve and Promote the Folk Art and Culture of Bundelkhand and to reach out to all the masses so that the basic, Cultural and Aesthetic values and concepts related to Art and Culture can be kept alive in the public mind.
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7 COMMENTS

  1. सुमित दुबे जी हमारे नरसिंहपुर के प्रख्यात लोकगायक हैं जो हमारे बुन्देलखण्ड की लोक संस्कृति को युवों तक पहुचाने में महत्वपूर्ण सेतु के रूप‌ में कार्य कर रहे हैं।
    विश्वविधालय के दिनों से ही आपके “पीपल की छंय्या” गीत का प्रेमी रहा हूं विभिन्न नाटकों और लोकन्रत्यों में आपका साथ और मार्गदर्शन रहा जो अविस्मरणीय है।

  2. अदभुत…. हमारी संस्कृति की उम्दा पहचान…. बधाई आपको

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