Gaurav Singh Judev का जन्म महोबा के श्री अमर सिंह जूदेव के वंश मे पिता स्व. श्री योगेश्वरी प्रसाद एवं माता श्रीमती शशी प्रभा के आँगन मे उरई (जालौन) मे हुआ।
ददिहाल – महोबा बुन्देलखण्ड
ननिहाल – जालौन बुन्देलखण्ड
बुंदेलखंड प्रभारी मुख्यमंत्री जन कल्याणकारी योजना प्रचार प्रसार अभियान उत्तर प्रदेश सरकार।
प्रदेश उपाध्यक्ष राष्ट्रीय करणी सेना उत्तर प्रदेश।
गौरव सिंह जूदेव की शिक्षा-दीक्षा सरस्वती शिशु मंदिर उरई में हुई इसके बाद आपने आईटीएम यूनिवर्सिटी से Course of BAT 2002- 2004 में किया इसके बाद आपने D.V.C. कॉलेज उरई से मनोविज्ञान एवं सैन्य विज्ञान में स्नातक परीक्षा उत्तीर्ण की और आगे चलकर दिल्ली से एप्टेक कंप्यूटर सेंटर से AutoCAD डिप्लोमा किया ।
गौरव सिंह जूदेव गृह निर्माण क्षेत्र मे जाना चाहते थे इस लिए उन्होंने न वास्तु विशेषज्ञ और ज्योतिष विशेषज्ञ की योग्यताएं हासिल की।
गौरव सिंह जूदेव 17 साल तक देश-विदेश मे कंस्ट्रक्शन कंपनी मे कार्य करने के पश्चात पिता के आग्रह के अनुसार वापस उरई आ गए । आप कानपुर -लखनऊ मे अपना घर बिल्डर प्रमोटर के नाम से Architecture and Construction Company चला रहे है ।
कोरोना काल में बुंदेलखंड के लोगों को बड़े शहरों से पैदल चलते हुए वापस आता देख उनके पलायन और बेरोजगारी ने उनके हृदय में आघात सा कर दिया। ये सब देख उन्होंने हर हाल में बुंदेलखंड से पलायन रोकने और लोगों को रोजगार की दिशा में नए नए कार्यक्रमों से जोड़ने की प्रतिबद्धता को स्वीकार करते हुए सामाजिक सेवा में अपना योगदान आरंभ कर दिया।
अपने लक्ष्य को आगे बढ़ाते हुए आपने लॉ फर्म और रोजगार फर्म की स्थापना की। लॉ फर्म के माध्यम से उन गरीब तबके के लोगों को जो कानून की जानकारी नहीं रखते जिसके कारण उन्हें अनेक कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है उनके लिए गौरव सिंह जूदेव वरदान बनकर सामने है और उन्होंने गरीब लोगों की कानूनी समाधान हेतु अपने कुछ मित्रों के साथ मिलकर कार्य आरंभ कर दिया।
रोजगार फर्म के माध्यम से बेरोजगारों के लिए गृह उद्योग, कुटीर उद्योग के लिए इस तरह से सरकार की योजनाओं के अनुसार उन्हें बैंक से कैसे लोन मिले। और वह कैसे अपने उद्योग एवं व्यापार को स्थापित कर सकें इस दिशा में कार्य आरंभ कर दिया।
आपके पिता श्री योगेश्वरी प्रसाद जी अध्यापक के साथ-साथ साहित्यकार एवं कवि थे उन गुणों की ओर गौरव सिंह जूदेव का रुझान होना स्वाभाविक था और वे सांस्कृतिक एवं साहित्य मंच बुंदेली झलक में बतौर अध्यक्ष अपनी सेवाएं दे रहे हैं ताकि बुन्देलखण्ड की कला ,संस्कृति और साहित्य का संरक्षण और संवर्धन हो सके ।
गौरव सिंह जूदेव के पिता का एक सपना था की बुंदेलखंड शताब्दियों पूर्व बहुत समृद्ध था उसी तरह वर्तमान बुंदेलखंड को समृद्ध बनते देखना चाहते थे आज वे नहीं हैं लेकिन गौरव सिंह जूदेव अपने पिता के सपनों को साकार करने के लिए बुंदेलखंड के समृद्ध सपने को साकर करने को आकार देने के लिए बुन्देलखण्ड मे पर्यटन के विकास हेतु कार्य कर रहे हैं।