पशु-पक्षी संबंधी लोक विश्वास Pashu pakshi Sambandhi Lok Vishwas भारतीय लोक परंपराओं और संस्कृति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। विभिन्न पशु-पक्षियों से जुड़े कई लोक-विश्वास हैं, जिनका संबंध शुभ-अशुभ संकेतों, धार्मिक आस्थाओं और प्रकृति के प्रति आदर से होता है। इन विश्वासों का प्रभाव विशेष रूप से ग्रामीण इलाकों में अधिक देखा जाता है।
1- गाय
गाय को भारतीय समाज में पवित्र और देवी के रूप में पूजा जाता है। यह विश्वास है कि गाय के घर में होने से समृद्धि और सुख-शांति बनी रहती है। गाय के गोबर और मूत्र को शुद्धि और धार्मिक अनुष्ठानों में उपयोग किया जाता है। यह भी माना जाता है कि गाय की पूंछ पकड़कर यमराज के बंधनों से मुक्ति पाई जा सकती है।
2-कौवा
कौवा भारतीय लोक विश्वासों में महत्वपूर्ण स्थान रखता है। यह माना जाता है कि कौवे का कांव-कांव करना घर में अतिथि आगमन का संकेत है। श्राद्ध के समय पितरों को कौवे के माध्यम से अर्पण किया जाता है। यह विश्वास है कि श्राद्ध के समय कौवे को भोजन देने से पूर्वज तृप्त होते हैं और आशीर्वाद देते हैं।
3- उल्लू
उल्लू को लक्ष्मी का वाहन माना जाता है, और इसे समृद्धि का प्रतीक भी समझा जाता है। हालांकि, कुछ लोक-विश्वासों में उल्लू का दिखाई देना अशुभ भी माना जाता है, विशेषकर रात में। उल्लू को लेकर यह भी विश्वास है कि जिस घर में उल्लू आता है, वहाँ लक्ष्मी वास करती हैं, लेकिन उसका गलत समय पर प्रकट होना कष्टकारी भी हो सकता है।
4-सर्प (नाग)
नागों को भारतीय संस्कृति में विशेष स्थान प्राप्त है। नाग पंचमी के दिन नागों की पूजा की जाती है, क्योंकि यह माना जाता है कि इससे सर्पदंश से बचा जा सकता है। यह भी लोक विश्वास है कि नाग को नुकसान पहुंचाने से दुर्भाग्य आ सकता है, और नाग का बदला पीढ़ियों तक लिया जाता है।
5- कुत्ता
कुत्ते को वफादारी और सुरक्षा का प्रतीक माना जाता है। यह विश्वास है कि यदि कुत्ता रात में अचानक रोने लगे, तो यह किसी अशुभ घटना का संकेत है। कुत्ते को भोजन कराना धार्मिक और सामाजिक दृष्टि से शुभ माना जाता है, विशेषकर अमावस्या के दिन।
6- बिल्ली
बिल्ली का रास्ता काटना भारतीय लोक-विश्वासों में अशुभ माना जाता है। यह विश्वास है कि अगर किसी का रास्ता काली बिल्ली काटती है, तो उस दिन यात्रा या महत्वपूर्ण कार्य नहीं करना चाहिए। इसके अलावा, बिल्ली को दुधारू जानवरों के लिए अशुभ माना जाता है, क्योंकि यह मान्यता है कि बिल्ली दूध चुरा लेती है, जिससे नुकसान होता है।
7- हाथी
हाथी को भगवान गणेश का प्रतीक माना जाता है, और इसे समृद्धि, शक्ति और शुभता का प्रतीक समझा जाता है। यह लोक विश्वास है कि जिस घर या स्थान पर हाथी का चित्र या मूर्ति होती है, वहाँ धन और ऐश्वर्य बना रहता है।
8- नीलकंठ पक्षी
नीलकंठ पक्षी को भगवान शिव का प्रिय माना जाता है, और इसे देखना शुभ माना जाता है। विशेष रूप से दशहरे के दिन नीलकंठ के दर्शन को विजय और सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है। यह विश्वास है कि नीलकंठ का दर्शन करने से व्यक्ति के सारे कार्य सफल होते हैं और जीवन में खुशहाली आती है।
9- कबूतर
कबूतर को शांति और प्रेम का प्रतीक माना जाता है। यह विश्वास है कि जिस घर में कबूतर घोंसला बनाता है, वहाँ शांति और सुख समृद्धि आती है। हालांकि, कुछ स्थानों पर यह भी माना जाता है कि यदि कबूतर घर के अंदर मर जाता है, तो यह अशुभ होता है और घर में कष्ट आ सकता है।
10- चील और गिद्ध
चील और गिद्ध को लेकर यह लोक विश्वास है कि यदि यह पक्षी किसी व्यक्ति के सिर पर मँडराता है, तो यह अशुभ संकेत हो सकता है और मृत्यु या विपत्ति का संकेत माना जाता है। गिद्ध का दिखाई देना कई बार किसी बड़े परिवर्तन या विपत्ति का सूचक माना जाता है।
11-मेंढक
भारतीय समाज में मेंढक को वर्षा से जोड़कर देखा जाता है। यह विश्वास है कि यदि मेंढक अधिक टर्राने लगे, तो वर्षा अवश्य होगी। खेती से जुड़े लोगों के लिए मेंढक की आवाज को शुभ माना जाता है, क्योंकि यह वर्षा का संकेत होता है, जो फसल के लिए लाभकारी है।
12- बुलबुल
बुलबुल का घर के आँगन में आकर चहचहाना शुभ माना जाता है। यह विश्वास है कि बुलबुल के आने से घर में खुशहाली और सुख-शांति बनी रहती है। बुलबुल के जोड़े का दिखना प्रेम और सामंजस्य का प्रतीक माना जाता है।
13- मोर
मोर को भारतीय संस्कृति में शुभ और पवित्र माना गया है। इसे भगवान कृष्ण के मुकुट का श्रृंगार भी माना जाता है। मोर का नृत्य करना वर्षा का संकेत माना जाता है। इसके अलावा, मोर का पंख घर में रखने से बुरी नजर और नकारात्मक ऊर्जा से बचाव होता है।
14- कछुआ
कछुआ धन और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। भारतीय समाज में कछुए की मूर्ति को घर में रखना शुभ होता है, खासकर धन और समृद्धि के लिए। यह भी विश्वास है कि कछुआ धीमे लेकिन स्थिरता से लक्ष्य प्राप्ति का प्रतीक है।
15- बाज
बाज को शक्ति और विजय का प्रतीक माना जाता है। यह विश्वास है कि यदि बाज आकाश में ऊँचाई पर उड़ता दिखे, तो व्यक्ति के जीवन में सफलता और जीत सुनिश्चित होती है। बाज का शिकार करना या नुकसान पहुंचाना अशुभ माना जाता है। पशु-पक्षी संबंधी लोक-विश्वास भारतीय समाज में गहरी आस्था और श्रद्धा से जुड़े होते हैं। ये विश्वास हमारे पुराणों, धार्मिक ग्रंथों और सदियों पुरानी परंपराओं से प्रेरित हैं, जो जीवन के विभिन्न पहलुओं को समझाने और उनमें संतुलन बनाए रखने का प्रयास करते हैं।
संदर्भ-
बुंदेली लोक साहित्य परंपरा और इतिहास – डॉ. नर्मदा प्रसाद गुप्त
बुंदेली लोक संस्कृति और साहित्य – डॉ. नर्मदा प्रसाद गुप्त
बुन्देलखंड की संस्कृति और साहित्य – श्री राम चरण हयारण “मित्र”
बुन्देलखंड दर्शन – मोतीलाल त्रिपाठी “अशांत”
बुंदेली लोक काव्य – डॉ. बलभद्र तिवारी
बुंदेली काव्य परंपरा – डॉ. बलभद्र तिवारी
बुन्देली का भाषाशास्त्रीय अध्ययन -रामेश्वर प्रसाद अग्रवाल