समूचे विश्व को अपनी आभा से चमत्कृत करने वाली हीरों की नगरी पन्ना में जन्मी Smt. Urmila Pandey कब से गा रही हैं ये स्वयं उन्हें नहीं पता, संभवतः पहले तुतलाते हुये शब्द ही स्वर में सरगम की तरह रहे हो।
होश सम्भालते ही उर्मिला पांडेय ने शास्त्रीय संगीत की विधिवत शिक्षा पं. श्री कृष्ण कुमार शास्त्री एवं पं. श्री राम प्रसाद मिश्रा जी से प्राप्त की। बुन्देली लोकसंगीत परिवार से विरासत में मिला, जिसे तराशा मां श्रीमती जानकी देवी जी ने, बाद में इस गायिकी की बारीकियां गुरू श्री जनार्दन खरे जी से सीखी। बी-म्यूज (संगीत प्रभाकर) की परीक्षा पास करने के उपरांत आपने अपना ध्यान बुन्देली लोकगीतों पर ही केन्द्रित किया। ।
बुन्देलखंड स्वर कोकिला बुंदेली माटी की बिटिया
आकाशवाणी छतरपुर से वर्ष 1977 से लोक संगीत प्रस्तुत करती रहीं। दूरदर्शन तथा कई निजी चैनलों से लोक संगीत के कार्यक्रम प्रसारित होते रहे।
सम्मान :
आप बुन्देली लोकगीत की “ए” ग्रेड कलाकार हैं।
आपको 1998 में छत्रसाल जयती के अवसर पर प्रदेश के महामहिम राज्यपाल डॉ भाई महावीर जी द्वारा प्रशस्ति पत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया।
ओरछा में केशव जयंती पर प्रदेश के भूतपूर्व मुख्यमंत्री श्री अर्जुन सिंह द्वारा आपको सरोज सुन्दरम पुरूस्कार से नवाजा गया।
खरगापुर में भूतपूर्व संसदीय सचिव द्वारा कंठ कोकिला के खिताब से सम्मानित किया गया।
नागपुर में आयोजित लोक संगीत सभा में महामहिम राज्यपाल द्वारा सम्मानित किया गया।
अन्तर्राष्ट्रीय कार्यशाला भोपाल पोषण संवेदनशील कृषि एवं पोषण साक्षरता के मौके पर प्रमुख सचिव महिला बाल विकास श्री जे.एन.कन्सौटिया जी (आई.ए.एस.) द्वारा दिनांक 15.06.2013 को सम्मानित किया गया।
प्रदर्शन प्रस्तुतियां :
आकाशवाणी की आमंत्रित श्रोताओं के समक्ष लोकसंगीत की सभाओं में महोबा, ग्वालियर, नजीमाबाद, शक्तिनगर, जबलपुर, इलाहाबाद, छिन्दवाड़ा, छतरपुर आदि एवं अन्य कई स्थानों पर भी भाग लिया।
मध्य प्रदेश सरकार की बेंटियों पर केन्द्रित विशेष योजना और अभियान के तहत संग्रहित बुन्देलखण्ड़ के पारम्परिक गीतों की संगीतबद्ध सी.डी. की रिकार्डिंग की गई।
देश के विभिन्न राज्यों में आयोजित प्रतिष्ठित उत्तर मध्य क्षेत्र, दक्षिण गध्य क्षेत्र समारोहों में अपने अंचल की लोक संगीत प्रस्तुतियां दी।
संस्कृति विभाग के स्वराज संस्थान संचालनालय की ओर से भारत पर्व के कार्यक्रम, मध्य प्रदेश के अनेक शहरों में दिये गये।
श्रुति कार्यक्रम के भारत भवन में कई प्रस्ततियां दी।
अन्तराष्ट्रीय स्तर पर लोकरंग समारोह में रविन्द्रलम प्रस्तुति दी।
लोकेन्ट डायनर्माणित छत्रसाल फिल्म में लोकगायन किया।
भोजपुर महोत्सव फरवरी 2018 शिवरात्रि के उपलक्ष्य में लोकगायन किया।
आदिवासी लोककला एवं बोली।
दवासा लोककला एवं बाल विकास अकादमी द्वारा आयोजित विभिन्न समारोहों में शिरकत एवं उनके द्वारा प्रकाशित गीतों पर अध्यापन।
श्रीमती उर्मिला पाण्डेय
(ए ग्रेड़ कलाकार)
(बुन्देली लोक गायिका)
सम्प्रति :- शासकीय शिक्षा महाविद्यालय छतरपर में संगीत शिक्षिका।
(श्रीमती उर्मिला पाण्डेय) पूनम संगीत महाविद्यालय सटई रोड छतरपुर (म.प्र.)
सुश्री उर्मिला पाण्डे के लोकगीतों को सुनने के लिए इस लिंक पर जाएँ
I am proud bundelkhand god mother we prayed govt padm shree award early to shrimati urmila pandey ji .
बहुत-बहुत धन्यवाद राजेश तिवारी जी …Urmila ji is deserving