बुंदेली फागों में सिंहावलोकन Singhavlokan की योजना मिलती है। “सिंहावलोकन का अर्थ है सिंह की तरह आगे चलना किन्तु पीछे की ओर भी बराबर सचेत रहना । फागों में प्रथम पंक्ति के अन्त में प्रयुक्त शब्द का प्रयोग अगली पंक्ति के प्रारम्भ में करने पर इसकी योजना पूर्ण होती है। अर्थात एक पंक्ति के अन्त में जो शब्द आया है, उसी शब्द से अगली पंक्ति का प्रारम्भ होता हैं।
उदाहरण-
ताके कमल वरन पद ताके ।
श्री वृषभान सुता के ।
ताके पाप दूर हो जैहे, उड़ है पुन्न पता के ।
ताके सुफल मनोरथ हू है, ह्रदय बसंत है जाके ।
जाके जस दुनियां में जाहिर, कये कवीश्वर गाके।
गाके फाग कहत गंगाधर ज्ञान देत रसना के ।।