बुन्देली फाग साहित्य में फड़बाजी की फागों में एक प्रकार की फाग यह भी है। फड़बाजी में शब्द सामर्थ्य के द्वारा प्रतिद्वन्द्वी को परास्त करने के लिए Paryayvachi Fagen पर्यायवाची की फागों की सर्जना की जाती है।
एक उदाहरण
दोहा :
शशिधर शंकर शंभु शिव, गिरजापती गिरीश ।
अपराजित – अव्यक्त – अज, नन्द, नकुल नंदीय । ।
सोरठा :
कामी रूद्र महेश, चन्द मोलि शूली जरी ।
उत्पर उग्र उमेश, भूतनाथ पशुपति बरद । ।
टेक :
भोला महादेव त्रिपुरारी, पिंगल हर मदनारी।
लावनी :
कामपाल केदार मगाली नीलकंठ कैलास पती ।
धर्मपसन गोपालक नंगा माल चन्द्र पृथु भूतमती ।
हंश बहुल क्षम ओम पंचमुख चंबिल लंबी देवेशा ।
पुर शासन पुरमथन पिनाकी वकुल त्रिशूली भूतेशा ।
उडान :
भीषण घोर अघोर मगाली भीम तुग मगहारी ।
काल फाल मधु पुरूष देवप्रिय पिंगल हर मदनारी।।