बुन्देली फाग फड़बाजी में एक फागकार दूसरे फागकार को परास्त करने के लिए अपनी फागों में चमत्कार, गूढार्थ और पहेलियों का स्वरूप प्रस्तुत करता है।इस लिए इन्हे Paheliyon Ki Fagen कहा गया है ।
उदाहरण –
देखें कैसी अकल तुमारी, खोलो फाग हमारी ।
को निरजीव जीव बिन बोले, रोवै गावै गारी ।
पंचानन नरसिंह न जानो, न जानो त्रिपुरारी ।
साढ़े चार बरन के ऊपर, नाम त संसारी ।
गंगाधर दुनिया के ऊपर, उसका रुतबा भारी ।।