माँ भारती की वाणी के पुरोधा भाषाचार्य, बुन्देली शिरोमणि Padmshri Kailash Madbaiya जी बुन्देली संस्कृति और साहित्य के सूत्रधार बन कर बुन्देली साहित्य को जनमानस के ह्रदय मे सँजोते हुए समवर्धन करते हुए अपने कार्यों से समाज को एक नई दिशा दे रहे हैं। संभवतः यही भारतीय जीवन मूल्यों की उज्ज्वल परिकल्पना है। और यही परिकल्पना साकार करते हुए आदरणीय पद्मश्री कैलाश मड़बैया जी नई पीड़ी को एक सजग कर रहे हैं ।
बुन्देली शिरोमणि हिन्दी-बुन्देली कवि-लेखक पद्मश्री कैलाश मड़बैया
जन्म तिथि- सरकारी अभिलेखों में 02दिसम्बर 1943 , कुण्डली में 25 जून 1944 स्थान- बानपुर जिला ललितपुर उ.प्र., निकट टीकमगढ़ म.प्र.
शिक्षा –एम.एस.सी., बी.एड., एल.एल.बी.,पी.एचडी वर्क, प्रयाग हिन्दी साहित्य सम्मेलन प्रयाग मे अपनी स्वर्ण जयंती पर मानद डॉक्टरेट विद्या वारिधि से विभूषित किया/ विषेष-जीवाजी विश्वविद्यालय ग्वालियर द्वारा श्री कैलाश मड़बैया पर पी.एच.डी. प्रदत्त। सागर विश्वविद्यालय एवं बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय मे लघु शोध प्रबंध।
कार्य व्यवसाय – लगभग10 वर्ष व्याख्याता फिर प्रशासनिक सेवाओं के लिये लोक सेवा आयोग द्वारा चयनित। 25 वर्ष विभिन्न प्रशासनिक पदों पर विभिन्न स्थानों पर रहे और दिसम्बर 2003 में ज़्वाईंट कमिश्नर कोआपरेशन मध्य प्रदेश शासन /उच्चतम प्रथम श्रेणी अधिकारी/ पद से सेवानिवृत्त।
जबलपुर हाई कोर्ट से अधिवक्ता हेतु पंजीकृत। कुछ वर्षों तक भोपाल मे बकालत भी की।सम्पूर्ण भारत की 3 बार यात्रा और देश के अनेक उच्च स्तरीय मंचों पर रचना पाठ ।
अमेरिका, इंग्लैंड, जापान, मॉरीषस, दुबई, नेपाल, चीन ,सिंगापुर, मलेशिया आदि देशो में रचना पाठ। नेपाल, तिब्बत और चीन से कैलाश -अष्ठापद- मानसरोवर की, ‘बुन्देली भक्तामर’ सृजन के कारण , 70 वर्ष की उम्र में दुष्कर पर सफल आध्यात्मिक- साहित्यिक यात्रा।
कॉमन वेल्थ गेम्स के समय अन्तराष्ट्रीय विश्व कविता सम्मेलन में मध्य देश का सराहनीय प्रतिनिधित्व।
भारत के राष्ट्पति द्वारा ‘बुन्देलखण्ड के इतिहास पुरुष’ ग्रंथ लोकार्पण के साथ राष्ट्पति भवन में सम्मानित।
अन्तर्राष्टीय काठमाण्डू शांति सृजन पृरस्कार-नेपाल के राजदूत और चांसलर द्वारा,राष्ट्पति-नेपाल द्वारा लोकार्पण- प्रथम ‘बुन्देली के ललित निबंध’ ग्रंथ। अन्तराष्ट्रीय सिंगापुर साहित्य सृजन सम्मान-गाँधी जयन्तीः2015
बुन्देली गद्य लेखन में अभूतपूर्व योगदान एवं बुन्देली भाषा के मानकीकरण का कार्य सम्पन्न ।
भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान साहित्य मे पद्मश्री 2019
गाँधी ग्लोबलाजेशन एवार्ड 2020 राष्ट्रीय अध्यक्ष- अखिल भारतीय बुन्देलखण्ड साहित्य एवं संस्कृति परिषद । चेयर पर्सन नेशनल ‘अनेकान्त’ एकेडमी
पद्मश्री कैलाश मड़बैया जी द्वारा कुल सृजित ग्रंथ लाभग 50 हैं और लगभग 3 दर्जन प्राकाशित हैं।
प्रकाशित कृतियाँ
1 –बुन्देली के ललित निबंध (प्रथम बुन्देली ललित निबंध संग्रह)
2- जय वीर बुन्देले ज्वानन की (सचित्र बुंदेली सौर्य काव्य)
3- विंघ्य के बाँकुरे (बुन्देलखण्ड के प्रतिनिधि शहीद)
4- बहता पानी निर्मला (यात्रा वृतान्त एवं पर्यटन
5- बुन्देलखण्ड के जैन तीर्थ (सचित्र पुरातत्व)
6- बुन्देलखण्ड के इतिहास पुरुष (इतिहास)
7- कितने पानी में हैं आप (नई कविता)
8- चेहरा समय का (नव गीत)
9- किसने न्यौता है सूरज को (चर्चित हिन्दी गीत)
10- आँगन खिली जुंदइया (लोकप्रिय बुन्देलखण्ड के गीत)
11- बुन्देलखण्ड का विस्मृत वैभव-बानपुर (इतिहास-पुरातत्व)
12- बुन्देली भक्तामर (बुन्देली रुपान्तर)
13- बुन्देली के प्रतिनिधि कवि (सपरिचय)
14- बुन्देलखण्ड की लोक कथायें (बुन्देली में)
15- प्यासा बुन्देलखण्ड (बुन्देलखण्डःजल श्रोत एवं सूखा)
16- बाँके बोल बुन्देली के (प्रथम बुन्देली गद्य कृति)
17- मीठे बोल बुन्देली के (बुन्देली निबंध)
18- नीके बोल बुन्देली के (बुन्देली के मानक निबंध)
19- डगर बुन्देली नजर बुन्देली (बुन्देली में यात्रा एवं आलोचना)
20- महक माटी की (छत्रसाल क्षेत्र के कवि)
21-काव्याजलि (दक्षिण में हिन्दी काव्याभिशेक)
22- सहकार (सहकारिता विषयक)
23- उत्सर्ग (मध्यप्रदेश का स्वतंत्रता संग्राम)
24- सात समुंदर पार ( विदेश यात्राओं पर)
25- वानपुर वंदना
26- चेहरा समय का (चर्चित कविताओं का संग्रह)
27- बुन्देली महानाट्य छत्रसाल
28- मयूर पंख
29- बेतवा ( हिन्दी साहित्य मे एक मात्र पुस्तक
30- चिरजीवो जोरी जूरे (स्वर्ण जयंती ग्रंथ)
31- समता – संपादित कृति)
32- कीर्ति कलश (अमृति महोत्सव पर प्रकाशित अभिनंदन ग्रंथ)
33- बुन्देलखण्ड समग्र (संपादित रचना संग्रह)
34- कैलाश मड़बैया एक साहितयिक मूल्यांकन (प्रकाशित शोध ग्रंथ)
पुरस्कार/सम्मान
अन्तर्राष्ट्रीय साहित्य सृजन पुरस्कार काठमाण्डु
साहित्य वारिधि-प्रयाग हिन्दी साहित्य सम्मेलन
शांतिदेवी लोक साहित्य पुरस्कार 2015
साहित्य शिरोमणि-बृज साहित्य संगम आगरा
वीरसिंह देव सम्मान -ओरछा का राज्य पुरस्कार
अभिनव शब्दशिल्पी सम्मान-गणतंत्रः दिवस अलंकरण’
बुन्देल श्री रजत पदक-मित्र न्यास पुरस्कार
नागरिक अलंकरण – म.प्र.के राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री द्वारा
कालिंजर अवार्ड (विंध्य के बाँकुरेः कृति पुरस्कार भाषा विज्ञान सम्मान-सागर विष्वविद्यालय)
लक्ष्मीबाई अवार्ड ‘जय वीर बुन्देले ज्वानन की’ पर
अम्बेडकर साहित्य सम्मान राहुल शोध 2013, दतिया
राजा बुन्देला पुरस्कार-नगर निगम छतरपुर
पं.बनारसीदास चतुर्वेदी पुरस्कार-2014 ,
पृथ्वीपुर कलातीर्थ खजुराहो पुरस्कार-खजुराहो
बुन्देलखण्ड गौरव- नगर पालिका ललितपुर
शहीद खरे पुरस्कार-नगर पालिका टीकमगढ
सारस्वत सम्मान-झासी
उ.प्र.सहयोग परिषद पुरस्कार -लखनऊ
काव्य श्री– होशंगाबाद
श्रमण विद्वत पुरस्कार-श्रवणबेलगोला
साहित्य सुधाकर-सृजन भारती ललितपुर
रामसेवक श्रीवास्तव साहित्य पुरस्कार– डबरा
सहकारिता प्रतिभा साहित्य सम्मान -2014,भोपाल
बुन्देली भाषा गौरव-तात्या टोपे पुरस्कार
हिन्दी सेवा सम्मान-जम्मू कष्मीर
बुन्देल भूषण– कुण्डेश्वर
हिन्दी सेवा सम्मान-चेन्नई
बिहारी सम्मान-बिजावर
अलंकरण-जबलपुर
रासिख सम्मान– बालाघाट
हिन्दी दिवस सम्मान-टीकमगढ
गोम्मट सम्मान-धवला तीर्थःकर्नाटक
चारुकीर्ति सम्मान 2014 श्रवणबेलगोला
लोक साहित्य अलंकरण 2002-जबलपुर
बुन्देली साहित्य सम्मान बांदा उ.प्र.
नैनागिरि तीर्थ आध्यात्मिक सम्मान 2015
नागरिक अभिनन्दन 2002 बानपुर उ0प्र0
अन्तर्राष्ट्रीय सिंगापुर साहित्य सम्मान– गाँधी जयन्तीः2015
महावीर राष्ट्रीय पुरुस्कार राजस्थान
गाँधी ग्लोबलाईजेशन एवार्ड 2020
सम्प्रति-राष्ट्रीय अध्यक्ष-अखिल भारतीय बुन्देलखण्ड साहित्य एवं संस्कृति परिषद एवं चेयर पर्सन नेशनल ‘अनेकान्त’ एकेडमी