बुंदेलखण्ड के फाग कवियों द्वारा लिखी गई लता पक्षी की फागें Lata Pakshi Ki Fagen सूरदास के लतापक्षी पदों के अनुकरण पर आधारित हैं। उक्ति चमत्कार की दृष्टि से इन फागों का बहुत महत्व है। अनेक फागकारों ने लता पक्षी की फागें लिखी हैं-
चल तोय खग पत पति बुलावें, सिंधु सुता से कावै।
रवि तनया तर गमन झपटकर, सुरपति पति अकुलावै ।
गिरपति तनया ता पति को अरि, तुम बिन उनै सतावै ।
गिरधी पति भूषण ता भूषण, वाहन वेग मिलावै ।
नृप शान्तनु तिरिया गंगाधर लतापक्ष दरसावैं ।।
बुन्देलखण्ड में पर्यटन उद्योग का विकास