बुन्देलखण्ड के ग्रामीण अंचल की मान्यताओं में ग्वाल देवता न्याय के देवता माने जाते है। ग्वाल देवता को गांव में अत्यधिक मान्यता प्राप्त है। पहले ग्रामीण अञ्चल के लोगों के घर में अगर किसी प्रकार की चोरी हो जाती थी तो उस समय लोग ग्वाल देवता की शरण में जाते थे उन से विनती करते थे।
ऐसा मानना होता था कि उनकी पूजा-अर्चना के बाद अगर जिस किसी ने चोरी की है तो उसका अनिष्ट होता है। इस डर के कारण लोग ज्यादातर चोरी किया हुआ सामान किसी न किसी बहाने लौटा देते हैं या मंदिर में रख आते हैं ग्वाल देवता की छोटे-छोटे मंदिर या मढ़िया दूर-दराज गांव में देखने को मिलते हैं।