नदी के किनारे वाले गांव में घाटोरिया बाबा Ghatoriya Baba के चबूतरे होते हैं नदी के घाट के देवता होने के कारण इन्हें घटाई बाबा कहते हैं नदी के प्रकोप से तथा आवागमन में यह देवता रक्षा करते हैं । बुंदेलखंड नववधू के नदी पार करने पर इस लोक देवता पर नारियल पूरी आदि अवश्य चढ़ाया जाता है इसकी पूजा से यात्रा शुभ हो जाती है
घतोइया बाबा को वरुण देवता के रूप में मान्यता प्राप्त है। इनके भी चबूतरे हर गाँव मे पाए जाते हैं जो विशेष रूप से नदियों अथवा तालाबों के किनारे पाए जाते हैं। नदी- नाले पार करते समय विशेष रूप से इनका स्मरण किया जाता है। जल से सम्बन्धी काम करने वाली जातियाँ अथवा लोग इनकी पूजा विशेष रूप से करते हैं। इनमें मछुआरे, धोबी, ढीमर आदि आते हैं।
इसके अतिरिक्त बारात जाते समय, किसी शुभ काम से निकलते समय नदी-नाले पार करते समय इनकी पूजा अथवा स्मरण सभी जातियों के लोग करते हैं। इनके प्रसाद में नारियल चढाने का चलन है। इनके अतिरिक्त भी अनेक प्रतीकों को ग्राम-देवता के रूप में मान्यता प्राप्त है। ग्राम-देवता अपने-अपने ग्रामों के सीमित क्षेत्र में पूज्य हैं तथा ग्रामों के अनुसार अपने-अपने ग्राम-देवता भी स्थापित हैं।