Homeबुन्देलखण्ड के साहित्यकारDr. Kamini डा. कामिनी- बुन्देलखण्ड की साहित्यकार

Dr. Kamini डा. कामिनी- बुन्देलखण्ड की साहित्यकार

सच कहा है कि मुसीबत बोलकर नहीं आती और मुसीबतों से लड़ना ही जीवन की सफलता  का पहला पडाव है और जब भी एक मुसीबत से पीछा छुड़ाने की कोशिश करते हैं और चार मुसीबत और आ जाती है तब मन अस्थिर तो होता है। टूटता तो है पर बिखरने ना देना…! आदर्णीय Dr. Kamini न टूटी और न बिखरी…..साहस को समेटते हुये अनेक झंझावतों से जूझती हुई लक्षय की ओर बढ़ती रही और संघर्ष सफलता मे बदल गया ।

जीवन यात्रा के पहले पडाव मे इंटर पास करते ही शादी हो गई पढ़ने की जिद की तो छोड़नी पड़ी ससुराल…! फिर बीमारी ने भी घेरा लेकिन हार नहीं मानी, एक तरफ संघर्ष चलाता रहा और दूसरी तरफ ज़िंदगी दो-दो हाथ करती रही अंतत: डी.लिट करने वाली प्रदेश की पहली महिला का खिताब भी आपके पास है।

आदर्णीया डॉ. कामिनी ने शिक्षा के लिए बहुत संघर्ष किया 22 जुलाई 1952 को दतिया जिले के सेवड़ा में मुस्लिम परिवार में जन्मी डॉक्टर कामिनी का जीवन संघर्ष से भरा रहा है नगर में स्थित लड़कियों के इकलौते सरकारी स्कूल में माध्यमिक स्तर तक की पढ़ाई करने के बाद भी इंटर कॉलेज में पहुंचे तो वहां लड़कियों की संख्या ना के बराबर थी ???

इंटर करने के बाद उनकी शादी कर दी गई…लेकिन पढ़ने की ज़िद की वज़ह से  ससुराल में काफी विरोध हुआ। आपके सामने दो विकल्प रखे गए या तो ससुराल में रहो या पढ़ाई करो…. आपने  दूसरा विकल्प चुना इस निर्णय में आपकी मां एवं बड़ी बहन कनक लता जी ने सहयोग किया…।

ससुराल से आने के बाद वह बेहद बीमार हो गई कई दिनों तक इलाज चला इसके बाद भी हिम्मत नहीं हारी प्राइवेट कॉलेज से ग्रेजुएशन किया पोस्ट ग्रेजुएशन किया पीएचडी की और 1984 में डी.लिट की उपाधि पाने वाली प्रदेश की पहली महिला बनी और आज भी वह जिले की एकमात्र महिला हैं जिनके पास डी.लिट की उपाधि है।

डॉ. कामिनी
जन्म : 22 जुलाई1952,
नाजिर की बगिया, सेवढ़ा जिला दतिया (म.प्र.) शिक्षा :एम.ए., पी-एच.डी., डी.लिट.
प्रकाशित ग्रन्थ
कृतियाँ :
• बुंदेलखंड के स्थान नामों का भाषा वैज्ञानिक अध्ययन
• दतिया एक परिचय
• आँचलिक स्थान अभिधान अनुशीलन
• दतिया जिले की पत्र-पांडुलिपियों का सर्वेक्षण
• बुंदेखंड की पत्र-पांडुलिपियों का सर्वेक्षण
• स्थान-नाम बोलते हैं
• भाषा विज्ञान
• मन मृग छौना
• करील के काँटे
कहानी संग्रह
•गुलदस्ता
•बिखरे हए मोर पंख
•सिर्फ रेत ही रेत
•हाशिए पर
•संस्कार गीत और लोक जीवन
• उरैन
• आलेख
• समीक्षा रेखायें
संपादन-
•बंदेली भाषा और साहित्य
• सीताकिशोर स्मृति कलश
• दतिया राजवंश मार्ग दर्शन
मार्गदर्शन-
अब तक 30 शोधार्थियों को अपने मार्गदर्शन में पीएचडी करवा चुकीं हैं।
सम्मान –
70 से अधिक जिला, राज्य एवं राष्ट्रीय सम्मान ।
प्रसारण –
1977 से निरंतर आकाशवाणी ग्वालियर एवं भोपाल से कहानी, फीचर एवं वार्तायें प्रसारित। भोपाल एव ग्वालियर से बुंदेली पर केन्द्रित वार्तायें प्रसारित।
सम्प्रति – पूर्व प्राचार्य, शासकीय गोविंद महाविद्यालय जिला दतिया (म.प्र.)475682

बुन्देली झलक (बुन्देलखण्ड की लोक कला, संस्कृति और साहित्य)

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adminhttps://bundeliijhalak.com
Bundeli Jhalak: The Cultural Archive of Bundelkhand. Bundeli Jhalak Tries to Preserve and Promote the Folk Art and Culture of Bundelkhand and to reach out to all the masses so that the basic, Cultural and Aesthetic values and concepts related to Art and Culture can be kept alive in the public mind.
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