Homeबुन्देलखण्ड के दर्शनीय स्थलBundelkhand ke Darshniya isthal बुन्देलखण्ड के दर्शनीय स्थल

Bundelkhand ke Darshniya isthal बुन्देलखण्ड के दर्शनीय स्थल

Bundelkhand ke Darshniya Sthal में कई धार्मिक, ऐतिहासिक और प्राकृतिक दर्शनीय स्थल हैं जो खूबसूरती से भरे हुए हैं। किले, मंदिर, गुफायें, तालाब, बगीचे, जलप्रपात, वन्य जीवन आदि अनेक ऐसी देखने और घूमने वाली जगह हैं।

जब भी हम बुंदेलखंड की बात करते हैं तो हमारे मन के दृश्य पटल मे पहला चित्र आता है रानी लक्ष्मी बाई का नाम। क्योकि सुभद्रा कुमारी चौहान की कविता में हमने पढ़ा है कि ‘बुंदेलों हरबेलो के मुख हमने सुनी कहानी थी, खूब लड़ी मर्दानी वह झांसी वाली रानी थी।

उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के भागों में स्थित बुन्देलखंड

बुंदेलखंड मध्य भारत का एक प्राचीन भाग है, जो मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के भागों में स्थित हुआ है। एक खास भौगोलिक खंड है, जो अपने ऐतिहासिक महत्व के लिए ज्यादा प्रसिद्ध है। सांस्कृतिक विविधता के बावजूद बुंदेलखंड अपनी एकता और आपसी तालमेल के लिए जाना जाता रहा है। इतिहास, संस्कृति और परंपराओं का एक खूबसूरत मेल बुंदेलखंड में देखने को मिलता है।

बुंदेलखंड अपनी भौगोलिक पहचान के साथ-साथ देश में सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक होने के लिए प्रसिद्ध है। बुंदेलखंड क्षेत्र उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश राज्यों के बीच विभाजित है अनेक Bundelkhand ke Darshniya Sthal हालांकि, इस क्षेत्र का एक बड़ा हिस्सा मध्य प्रदेश में स्थित है। बुंदेलखंड इतिहास की दृष्टि से भी काफी समृद्ध है। आइये हम जानते हैं किया बुंदेलखंड में ऐसी कौन सी चीज़े है जो पर्यटकों को आकर्षित करती हैं।

1 – झांसी:- प्रथम स्वतंत्रता संग्राम सेनानी वीरांगना महारानी लक्ष्मीबाई की कर्म स्थली
2 – गढकुण्डार:- राजा खेतसिंह खंगार का अजेय दुर्ग
3 – कुण्डेश्वर टीकमगढ:- प्रसिद्ध शंकर भगवान का मंदिर
4 – ओरछा:- रामराजा सरकार का सिध्द मंदिर, महाराजा वीर सिंह जू देव द्वारा निर्मित दुर्ग, जहांगीर महल, लाला हरदौल का स्थान
5 – महोबा:- वीर आल्हा ऊदल की कर्म स्थली
6 – चित्रकूट:- भगवान श्री राम की वनस्थली एवं बुन्देलखण्ड की धर्म स्थली
7 – राजापुर( बांदा) :- रामचरित मानस के रचयिता गोस्वामी तुलसीदास जी की जन्म स्थली
8 – कालिन्जर:- शेरशाह सूरी का मकबरा, नीलकंठ मंदिर, अजेय दुर्ग, शैलचित्र
9 – मैहर:- शारदा माता का भव्य स्थान
10 – खजुराहो:- शिल्पकला युक्त मंदिर विश्व धरोहर
11 – मऊ सहानियां छतरपुर:- महाराज छत्रसाल का संग्रहालय
12 – उरई (जालौन) :- मामा माहिल का स्थान
13 – कालपी (जालौन):- महर्षि वेदव्यास जी का आश्रम, भगवान नरसिंह का अवतार क्षेत्र, वीरबल की जन्म स्थली
14 – अजयगढ:- राजा अजय पाल द्वारा निर्मित दुर्ग, अमन महल
15 – ग्वालियर:- मोतीमहल, जयविलास महल, गुजरी महल, तानसेन व मुहम्मद गौस खां का मकबरा
16 – दतिया:- पीताम्बरा सिद्धेश्वर पीठ
17 – गुना:- गुफाएं
18 – उनाव बाला जी दतिया:- प्रसिद्ध सूर्य मंदिर
19 – सोनागिरी:- जैन मंदिरो का अद्भुत स्थान
20 – पन्ना:- नेशनल टाईगर रिजर्व,

ओरछा के धार्मिक,प्राकृतिक, ऐतिहासिक स्थल
1- नगरकोट, 2- मछलीदरवाजा, 3- भगवान श्री रामराजा का मन्दिर, 4- यज्ञशाला, 5- गिरवरधारी हनुमान का मन्दिर, 6- चतुर्भुज का मन्दिर, 7- लक्ष्मी नारायण का मन्दिर, 8- आ.केशवदास का प्रवास स्थल, 9- छारद्वारी मन्दिर, 10- बजरिया  के हनुमान, 11- देवतुल्य लाला हरदौलका प्रवासस्थल,  12- फूल बाग, 13- सावनभादों का स्तम्भ,  14- जानकी मनमन्दिर, 15- अड़वारा का नाला, 16- जहाँगीरमहल, 17-  राजमहल, 18-  शीश महल,  19- प्रवीण राय महल,

20-  हमाम  खाना,   21- ऊंठ खाना,    22- विन्ध्यवासनी का मन्दिर,  23- बेतवा का रिपटा (पुल ),   24- लंका चित्रकूट वन, 25- पंचमडिया,  26- कंचनाघाट,  27- समाधि एवं छतरियाँ,  28- बापू की भस्म भूमि विसर्जन तट, 29- देवतुल्य लाला हरदौल की समाधि,  30-  तुंगऋषि की तपोभूमि,   31- पिसनारी का पुल, 32- लंका के हनुमान मन्दिर,  33- महादेव घाट,  34- जुगल किशोर का मन्दिर,  35- कवि व्यास का प्रवास स्थल,   36- हर सिद्ध देवी का मन्दिर,   37- हर शंकर महादेव  का मन्दिर, 38- सातार तट । (अज्ञात वास स्थल )
अभ्यारण के दर्शनीय स्थल-
1- हनुमान गढ़ी मंदिर, 2- मछली शिकारगाह , 3- व्यू प्वाइंट , 4- जन्तु टावर , 5- नीमट घाट, 6- पिकनिक चौपाटी, 7- लंका की दीवार , 8- हाथी रॉक, 9- जामुनी नदी व बेतवा का संगम, 10- तुंगारण्य के दर्शनीय स्थल।

बागेश्वर धाम 

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Bundeli Jhalak: The Cultural Archive of Bundelkhand. Bundeli Jhalak Tries to Preserve and Promote the Folk Art and Culture of Bundelkhand and to reach out to all the masses so that the basic, Cultural and Aesthetic values and concepts related to Art and Culture can be kept alive in the public mind.
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