Homeबुन्देलखण्ड के दर्शनीय स्थलBanda Jile Ke Darshniy Sthal बांदा जिले के दर्शनीय स्थल

Banda Jile Ke Darshniy Sthal बांदा जिले के दर्शनीय स्थल

बांदा एक ऐतिहासिक शहर है बांदा महर्षि वामदेव के नाम पर बांदा शहर का नाम रखा गया था। महर्षि वामदेव की तपभूमि बांदा है। Banda Jile Ke Darshniy Sthal अत्यंत धार्मिक , प्राकृतिक और मनमोहक हैं । बांदा केन नदी से प्राप्त गोमेद रत्नों के लिए अत्यधिक प्रसिद्ध है, गोमेद रत्न बांदा से बड़ी मात्रा में निर्यात किए जाते हैं। यहां विभिन्न मस्जिदें और हिंदू मंदिर हैं। शहर के बाहर 18वीं सदी के कालिंजर किले के अवशेष हैं।

 

उत्तर प्रदेश के बुन्देलखण्ड मे स्थित बांदा जिले के दर्शनीय स्थल

केन नदी का सुंदर दृश्य
Beautiful view of Ken River
केन नदी बांदा जिले से प्रसिद्ध नदी है। बांदा जिले में आप केन नदी के आस-पास के   सुंदर दृश्यों को देख जा सकता  हैं। केन नदी में आप नाव की सवारी का आनंद ले सकते हैं और केन नदी में नहाने का मज़ा भी अलग है। केन नदी में चारों तरफ चट्टाने हैं, जिसका दृश्य बहुत ही मनभावन और शानदार है। यहां पर बहुत सारे लोग तैराकी का मजा लेते हैं। आप भी यहां पर अपना अच्छा समय बिता सकते हैं। अपने जीवन को यादगार बनाने के लिये आप यहां फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी भी कर सकते हैं।

केन यमुना नदी संगम स्थल
Ken Yamuna River Confluence Site
केन नदी और  यमुना नदी  संगम स्थल बांदा जिले का एक मुख्य आकर्षण का केंद्र है । बहुत ही सुंदर पर्यटन स्थल है। इसकी खूबसूरती देखने के लिए दूर-दूर से लोग यहां आते है। दो मुख्य नदियों का संगम स्थल बहुत ही सुंदर है। यह जगह बांदा में चिल्ला घाट में स्थित है। यहां पर आकर सूर्यास्त sunset का दृश्य देखा जा सकता है, जो बहुत ही मनोरम और सुंदर लगता है। यहां पर आप आकर नहा तारों-ताज़ा हो सकते हैं। यहां पर बहुत अच्छा समय बिताया जा सकता है। यह बांदा का पिकनिक स्पॉट है। 

बाम्बेश्वर मंदिर बांदा
Bambeshwar Temple Banda
बाम्बेश्वर मंदिर बांदा शहर का एक प्रसिद्ध मंदिर है। यह मंदिर भगवान शिव जी को समर्पित है। यहां पर एक प्राचीन गुफा देखने के लिए मिलती है, जिसमें भगवान शिव जी विराजमान है। मंदिर का प्रवेश द्वार बहुत ही सुंदर है। यह मंदिर मुख्य बांदा शहर में स्थित है। यहां पर आकर आपको शांति का अनुभव होगा । महाशिवरात्रि के दिन इस मंदिर मे एक बड़ा महोत्सव होता है उस दिन यहां पर बहुत सारे भक्त आते हैं, जो भगवान शिव जी के दर्शन करते हैं। कहा जाता है, यहां पर जो भी लोग मन्नत मांगते हैं। उनकी मन्नत अवश्य पूरी होती है। 

किवादन्ती है, कि प्राचीन समय में भगवान श्री राम जी के गुरु वामदेव का निवास स्थान यहीं पर था और उन्होंने ही इस शिवलिंग की स्थापना की थी। इसलिए इस मंदिर को बाम्बेश्वर मंदिर के नाम से जाना जाता है। बाम्बेश्वर मंदिर में प्राचीन शिवलिंग और नंदी भगवान जी के दर्शन करने के लिए मिलते हैं। यहां पर अर्धनारीश्वर शिव की मूर्ति के दर्शन करने को मिलते हैं। साथ ही यहां 11 लिंगी शिवलिंग के दर्शन करने के लिए मिलते हैं। 

यहां पर बांदा व्यूप्वाइंट और सूर्य दर्शन पॉइंट भी देखने के लिए मिलता है। बांदा व्यूप्वाइंट में जाने के लिए सीढ़ियां हैं। यहां पर सुंदरतम पहाड़ी है। पहाड़ी के ऊपर जाकर पूरे बांदा शहर का सुंदर दृश्य देखा जा सकता है, अवलोकन किया जा सकता है ।  यहां पर सूर्यास्त का भी दृश्य बड़ा ही सुंदर और मनमोहक लगता है। आप यहां पर घूमने के लिए आ सकते हैं। यह जगह बहुत अच्छी है और यहां पर शांति का अनुभव होता है।

श्री महेश्वरी देवी का मंदिर बांदा
Temple of Shri Maheshwari Devi Banda
श्री महेश्वरी देवी का मंदिर बांदा शहर का अत्यंत प्राचीन धार्मिक स्थल है। यह मंदिर मुख्य शहर में बना हुआ है। महेश्वरी माता मंदिर का प्रवेश द्वार वह बहुत सुंदर है और इस प्रवेश द्वार में बहुत सारी मंजिले बनी हुई है। इसमें पहली मंजिल में दुर्गा जी की भव्य मूर्ति देखने के लिए मिलती है। ऊपर वाली मंजिल में भगवान परशुराम जी और गणेश जी महाराज का युद्ध देखने के लिए मिलता है।

प्रवेश द्वार की इस मंजिल को बांदा शहर के हर हिस्से से देखा जा सकता है। मंदिर के अंदर बहुत सारे देवी देवता के दर्शन करने के लिए मिलते हैं। यहां पर माता विंध्यवासिनी देवी, हनुमान जी, चित्रगुप्त जी आदि देवताओं की प्राचीन मूर्तियों के दर्शन करने के लिए मिलता है। इस मंदिर मे बांदा जिले के लोग धार्मिक कार्य, पूजा पाठ के लिए तो आते ही हैं साथ ही नाव विवाहित  दूल्हा दुल्हन को प्रथम दर्शन करवाने के लिए विशेष रूप से आते हैं।

श्री सिद्धिदात्री विंध्यवासिनी देवी मंदिर बांदा
Shri Siddhidatri Vindhyavasini Devi Temple Banda
श्री विंध्यवासिनी देवी का मंदिर बांदा जिले का प्रसिद्ध मंदिर मे से है। यह मंदिर बहुत प्राचीन है। यह मंदिर बांदा जिले में शेरपुर में स्थित है। यह मंदिर एक ऊंची पहाड़ी पर बना हुआ है। मंदिर तक जाने के लिए 500 से भी अधिक सीढ़ियां है। मंदिर के ऊपर से केन नदी का सुंदर और मनोरम दृश्य देखने मन प्रफुल्लित हो जाता है। इस मंदिर के गर्भग्रह में माता विंध्यवासिनी की बहुत ही आकर्षक, मनभावन प्रतिमा के दर्शन होते हैं। नवरात्रि के समय यहां पर बहुत विशाल मेला लगता है, जिसमें बहुत दूर-दूर से लोग मां सिद्धिदात्री विंध्यवासिनी के दर्शन करने के लिए आते हैं। 

यहां पर पहाड़ियों बहुत ही सुंदर और मनोरम हैं, यहा की प्राकृतिक छटा अद्भुत है और यहां नवरात्रि के समय बहुत भीड़ रहती है। भक्तों का तांता लगा रहता है ।  यहां पर मेले  में तरह-तरह की दुकानें लगती हैं। यहां पर लोग पूजा-अरचना के साथ मन्नत मानते हैं और मन्नत की चुनरी यहां पर बांध के जाते हैं।

गुढ़ा का हनुमान मंदिर बांदा
  Hanuman Mandir of Gudha Banda
गुढ़ा का हनुमान मंदिर बांदा जिले का एक प्रसिद्ध मंदिर है। यह मंदिर एक सिद्धपीठ मंदिर है। यह मंदिर बांदा जिले के अतर्रा तहसील के गुढ कालन गांव में स्थित ये मंदिर गुढ़ा के हनुमान जी के नाम से बहुत प्रसिद्ध है ।  आप यहां पर आकर मंदिर देख सकते हैं। गुढा कालन गांव के पास एक नदी बहती है, जिसका दृश्य  बहुत ही सुंदर और मनमोहक लगता  है।

इस मंदिर के प्रवेश द्वार के ऊपर हनुमान जी की प्रतिमा बनाई गई है, जो बहुत ही सुंदर लगती है। मंदिर के अंदर गर्भ गृह में हनुमान जी के अद्भुत  दर्शन करने के लिए मिलते हैं। यह प्रतिमा बहुत ही सुंदर है और यहां पर आकर मन को बहुत शांति मिलती है। 

मंदिर के परिसर में और भी बहुत सारे देवी देवताओं के दर्शन करने के लिए मिलते हैं। यहां पर शिव भगवान जी के शिवलिंग और प्राचीन मूर्ति के दर्शन होते हैं। यहां पर प्रभु श्री राम जी, माता सीता जी और लक्ष्मण जी के भी दर्शन करने के लिए मिलते हैं। मंदिर के बाहर प्रसाद की बहुत सारी दुकान है, जहां से आप हनुमान जी को अर्पित करने के लिए प्रसाद ले सकते हैं। यहां पर हनुमान जयंती के समय बहुत बड़ा मेला लगता है, जिसमें दूर दूर से लोग हनुमान जी के दर्शन करने के लिए जाते हैं।

मां मढ़ी दाई मंदिर बांदा
Maa Madhi Dai Mandir Banda
मां मढ़ी दाई मंदिर बांदा जिले का एक प्रसिद्ध मंदिर है। यह मंदिर बांदा जिले के बबेरू तहसील में कमासिन रोड पर बना हुआ है। यह मंदिर बहुत सुंदर है। मंदिर में मढ़ी दाई माता के दर्शन करने के लिए मिलते हैं। माता की प्रतिमा बहुत सुंदर और मनमोहक  है। पूरी प्रतिमा पत्थर की बनी हुई है और प्रतिमा बहुत प्राचीन है।

यह मंदिर भी बहुत सुंदरता से बनाया गया है। मंदिर में और भी बहुत सारे देवी देवताओं के दर्शन करने के लिए मिलते हैं। यहां पर गणेश जी, शंकर जी, मां दुर्गा जी, गायत्री माता जी के दर्शन करने के लिए मिलते हैं। आप यहां मढ़ी दाई माता लोगों की इच्छाएं पूरी करती हैं और यहां पर आकर बहुत आनंदायक लगता है।

कालेश्वर मंदिर बांदा
Kaleshwar Temple Banda
कालेश्वर मंदिर बांदा जिले का एक प्रसिद्ध मंदिर है। यह मंदिर भगवान शिव जी को समर्पित है। इस मंदिर में शिवलिंग के दर्शन करने के लिए मिलते हैं। यह मंदिर बांदा जिले पैलानी तहसील में स्थित है। यह मंदिर पैलानी जसपुर सुमेरपुर मार्ग में स्थित है। यहां पर एक तालाब भी देखने के लिए मिलता है। यहां पर कार्तिक पूर्णिमा में बहुत बड़ा मेला लगता है। जहां दूर-दूर से लोग आते हैं ।

श्री संकट मोचन हनुमान मंदिर बांदा
Shree Sankat Mochan Hanuman Mandir Banda
श्री संकट मोचन हनुमान मंदिर बांदा शहर का एक प्रमुख धार्मिक स्थल है। यह मंदिर पूरे बांदा शहर में प्रसिद्ध है। यह मंदिर बांदा शहर में कलेक्टर ऑफिस के पास में स्थित है। यह मंदिर बहुत प्राचीन है। इस मंदिर में हनुमान जी की बहुत ही सुंदर प्रतिमा के दर्शन होते हैं। मंदिर का प्रवेश द्वार बहुत सुंदर और आकर्षक है।

मंदिर के प्रवेश द्वार के ऊपर हनुमान जी की सुंदर प्रतिमा देख कर मन आनंदित होता है, प्रतिमा मे  हनुमान जी, श्री राम जी और लक्ष्मण जी को अपने कांधे में लेकर खड़े हुए हैं। इसके अलावा यहां पर बगवां शंकर जी के  शिवलिंग के दर्शन करने का सौभाग्य प्राप्त होता है। इस मंदिर में हनुमान जयंती के समय बहुत ज्यादा भक्तगण आते हैं।

सीताराम स्वामी मंदिर बांदा
Sitaram Swami Temple Banda
सीताराम स्वामी मंदिर बांदा जिले में स्थित है। यह एक ऐतिहासिक स्थल है। यहां पर आपको प्राचीन स्मारक देखने के लिए मिलती हैं। इस मंदिर मे भगवान राम जी, माता  सीता जी और लक्ष्मण जी के दर्शन करने का परम सौभाग्य मिलता हैं। इसके अलावा यहां पर एक सुंदर तालाब भी है, यह जगह पठार कछार में स्थित है। आप यहां पर अनेक प्राचीन स्मारक देख सकते हैं। 

शिव मंदिर किला बांदा
Shiv Mandir Fort Banda
शिव मंदिर किला बांदा जिले का एक मुख्य पर्यटन स्थल है। यह स्थल बांदा जिले के नारैनी तहसील में स्थित है। खास बात यह है की यह मंदिर केन नदी के बीच में स्थित है। इस मंदिर का दृश्य बहुत ही सुंदर और मनोहारी लगता  है। यह एक प्राचीन किला है और इस किले मे भगवान शिव जी की बहुत बड़ी प्रतिमा के दर्शन करने के लिए मिलते हैं। यहां पर आकर मन को  बहुत अच्छा लगता है। अगर आप बांदा जिला आते हैं, तो आपको इसी स्थान पर आकर शिव जी और यह प्राचीन किला जरूर देखना चाहिए। यहां पर केन नदी का दृश्य भी बहुत ही आकर्षक लगता है।

भूरागढ़ का किला बांदा
Bhuragarh Fort Banda
भूरागढ़ का किला बांदा जिले का एक प्राचीन स्थल है। यह किला बांदा जिले में खंडहर अवस्था में देखने के लिए मिलता है। यह किला केन नदी के किनारे बना हुआ है। इस किले से केन नदी का बहुत सुंदर दृश्य देखने के लिए मिलता है। किले के अंदर टूटे-फूटे महल के भाग देखने को मिलते हैं। किले के अंदर मंदिर भी है, जो देखा जा सकता है।

किले की देख-रेख अच्छे से नहीं की जा रही है, जिससे किला धीरे धीरे खत्म होता जा रहा है। भूरागढ़ किले में एक बावली भी देखने के लिए मिलती है, जो बहुत सुंदर है और यह बावली चारों तरफ से ऊंची ऊंची दीवारों से घिरी हुई है। यहां भूरा गढ़ किले का सुंदर दृश्य देख सकते हैं। यहां पर आपको किले के बुर्ज, खिड़कियां, कमरे देखने के लिए मिलते हैं, जो बहुत ही सुंदर लगते हैं। 

भूरागढ़ दुर्ग का इतिहास बुंदेला शासनकाल से महाराजा छत्रसाल और उनके पुत्र हृदय शाह और छोटे पुत्र जगत राय से जुड़ा है। जगत राय के पुत्र कीरत सिंह ने 1746 में भूरागढ़ दुर्ग का पुनर्निर्माण करवाया था। उनके पुत्र अर्जुन सिंह ने इस किले की देखभाल की  थी। इस किले का भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में भी विशेष महत्व है।

यहां पर बहुत सारे शहीदों की समाधियाँ  देखने के लिए मिलती है। यहां पर हर वर्ष मकर संक्रांति के समय शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए विशाल मेला लगता है, जिसमें दूर-दूर से बहुत सारे लोग आते हैं। इस मेले का आयोजन बुंदेलखंड पर्यटन विकास समिति करती है। स्वतंत्रता संग्राम में शहीद होने वाले सरवई के सननिकट रहने वाले नटो ने भी अपना बलिदान दिया था। जिसका स्मारक नटबली भूरागढ़ दुर्ग के नीचे बना हुआ है।

नवाब टैंक बांदा
Nawab Tank Banda
नवाब टैंक बांदा शहर का एक मुख्य स्थान है। नवाब टैंक एक जलाशय है। यह जलाशय मानव निर्मित है। यह जलाशय प्राचीन समय में बनाया गया है। यहां पर आकर बहुत अच्छा लगता है और इस जलाशय में बीच में स्मारक भी बना हुआ  है, जहां पर पुल के माध्यम से जाया जा सकता है। यहां पर सुंदर बगीचा  भी बना हुआ है, जहां पर अच्छा समय बिताया जा सकता है। नवाब टैंक में कजरी का मेला लगता है, जिसमें आसपास के लोग घूमने के लिए आते हैं।

कालिंजर का किला बांदा
Kalinjar Fort Banda
कालिंजर का किला बांदा जिले का एक ऐतिहासिक स्थल है। कालिंजर का किला मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के बॉर्डर पर बांदा जिले की सीमा मे  स्थित है। यह किला बांदा जिले के कालिंजर क्षेत्र में स्थित है। इस किले तक आने के लिए पक्की सड़क है और इस किले तक बाइक और कार से भी पहुंचा जा सकता है। यह  किला एक ऊंची पहाड़ी पर बना है।

किले तक पहुंचने के लिए सड़क है और घुमावदार सड़क से होते हुए किले तक पहुंचा जाता है। उसके बाद यहां पर टिकट लेने की टिकट लेनी पड़ती है। यहां पर बहुत सारे प्राचीन महल देखने के लिए मिलते हैं। उसके बाद कालिंजर किले के अंदर जितने भी महल, मस्जिद, मजार, कब्र, जलाशय, मंदिर, गेट, यह सभी जगह देखने के लिए जाया जा सकता है।

यह किला घूमने के लिए करीब 4 से 5 घंटा लग जाता है, क्योंकि यह किला बहुत बड़े एरिया में फैला हुआ है । किले के अंदर म्यूजियम भी है और यहां पर आकर्षण का केंद्र नीलकंठ मंदिर है। नीलकंठ मंदिर बहुत सुंदर है और यहां पर भगवान शिव जी की बहुत प्राचीन प्रतिमा स्थापित है जिसके दर्शन करना बहुत ही आनंदायक हैं। यहां पर आकर आप अपना पूरा एक दिन बिता  सकते हैं और यहां पर आपको बहुत अच्छा लगेगा। यह बांदा जिले में घूमने लायक सबसे अच्छी जगह मे से है।

सेंट जॉर्ज चर्च बांदा
St. George’s Church Banda
सेंट जॉर्ज चर्च बांदा जिले का एक धार्मिक स्थल है। यह इसाई लोगों का धार्मिक स्थल है। यह चर्च बहुत पुराना है। इस चर्च को ब्रिटिश लोगों के द्वारा बनाया गया था। यह चर्च 1835 में बनाया गया है और इस चर्च को पीला गिरजा घर भी कहा जाता है। यहां पर ब्रिटिश लोगों की कब्र भी देखने के लिए मिलती है। यह चर्च क्रिसमस के समय बहुत ही सुंदर तरीके से सजाया जाता है और यहां पर बहुत सारे लोग घूमने के लिए आते हैं।

बुन्देली झलक (बुन्देलखण्ड की लोक कला, संस्कृति और साहित्य)

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Bundeli Jhalak: The Cultural Archive of Bundelkhand. Bundeli Jhalak Tries to Preserve and Promote the Folk Art and Culture of Bundelkhand and to reach out to all the masses so that the basic, Cultural and Aesthetic values and concepts related to Art and Culture can be kept alive in the public mind.
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